लेख 1: बॉलीवुड का एक शतक – भारत के सपनों की फैक्ट्री की कहानी

बॉलीवुड, मुंबई में स्थित हिंदी फिल्म उद्योग, केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक शक्ति है।
1913 में दादा साहेब फाल्के की राजा हरिश्चंद्र से शुरू होकर, भारतीय सिनेमा ने मूक फिल्मों से लेकर ध्वनि वाली फिल्मों तक यात्रा की।
1931 में आलम आरा ने संवाद और संगीत के साथ फिल्मों को नया जीवन दिया।
1950 और 1960 का दशक बॉलीवुड का ‘स्वर्ण युग’ कहलाता है, जहाँ राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे कलाकारों ने सामाजिक विषयों को मनोरंजन के साथ जोड़ा।
1970 और 1980 में मसाला फिल्मों का दौर आया, जिसमें अमिताभ बच्चन ने आम आदमी की भावनाओं को आवाज दी।
1990 में, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसे रोमांटिक हिट्स ने विश्वभर के भारतीयों का दिल जीत लिया।
आज, बॉलीवुड परंपरा और नवाचार का संतुलन बनाए हुए है। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के जरिये वैश्विक दर्शकों तक पहुँच रहा है, और हर फिल्म जीवन के रंगों को संगीत व कहानी के जरिए जीवंत करती है।

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